150 रुपये की वैक्सीन को 400-600 रुपये में बेचने की छूट देना, आपदा में अवसर है या खेल?

कोरोना महामारी की दूसरी प्रचंड लहर के बीच कोरोना वायरस से बचाव में वैक्सीन को कारगर बताया जा रहा है. लेकिन क्या आज की तारीख में सभी के लिए टीके लगाना आसान है? यह सवाल इसलिए कि सरकारी स्तर पर घोषित टीकाकरण अभियान के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं और निजी क्षेत्र में जिस दाम पर वैक्सीन उपलब्ध हैं, वह बहुतों जेब से बाहर हैं. सबसे अहम सवाल तो यह है कि खुद केंद्र सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से कम दाम पर वैक्सीन खरीदी तो राज्यों और निजी अस्पतालों को खुले बाजार की मुनाफाखोरी के हवाले क्यों कर दिया?

संसद में बताई गई वैक्सीन की लागत

संसद के बजट सत्र में 23 मार्च, 2021 को राज्य सभा में केंद्र सरकार ने सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव (Sukhram Singh Yadav)  के सवालों के जवाब दिए थे, उसी में वैक्सीन की लागत भी बताई थी. दरअसल, सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव ने पूछा था कि (1) सरकार से रोगियों को टीका लगाने की मंजूरी मिलने के बाद निजी अस्पतालों को कितनी कमाई होने का अनुमान है, (2) प्रत्येक दो टीकों का दाम 200 रुपया तय करने पर निजी क्षेत्र को कितनी आमदनी होने का अनुमान है?

इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया था कि निजी अस्पतालों में 250 रुपये की अधिकतम कीमत पर वैक्सीन लगाई जा रही है, जिसमें 150 रुपये की लागत उन्हें केंद्र सरकार को वापस देनी है, जबकि 100 रुपये अस्पतालों को मिलेंगे. इसका सीधा मतलब है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक में वैक्सीन बेची है यानी वैक्सीन की लागत इतना या इससे कम है, क्योंकि कोई निजी कंपनी घाटा खाकर तो सौदा नहीं करेगी.

हालांकि, 9 मार्च, 2021 को सांसद कुमार केतकर (Kumar Ketkar) ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को ऊंचे दाम पर खरीदने का मुद्दा (अतारांकित प्रश्न-1700) राज्य सभा में उठाया था. उन्होंने सरकार से पूछा था कि (1) क्या सरकार को पता है कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन यूरोपीय संघ के राष्ट्रों को प्रति टीका 158 रुपये या 1.78 यूरो की दर से बेची जा रही है, जिसे भारत सरकार की ओर से 200 रुपये में खरीदे गए टीके की तुलना में कम है; (2) अगर हां तो क्या कारण है; (3) क्या सरकार ने टीकों की कीमत में अंतर के लिए टीका निर्माताओं से क्षतिपूर्ति की मांग की है; (4) क्या सरकार दाम घटाने के लिए बातचीत कर रही है?

ये भी पढ़ें -  अंग्रेजी का यह मुहावरा राज्य सभा में क्यों कहा गया, जिसका मतलब है- आखिरी कतरे ने ऊंट की कमर तोड़ दी

लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सांसद कुमार केतकर (Kumar Ketkar) के आरोपों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि उपलब्ध सूचना के अनुसार, दुनिया भर में ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का दाम 4 अमेरिकी डॉलर से लेकर 5.25 अमेरिकी डॉलर तक है.

पूरा पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें- https://sansadnama.com/why-the-vaccine-costing-rs-150-will-be-sold-for-rs-400-600/

Write a comment ...

Sansadnama | संसदनामा | Rishi Kumar Singh

Show your support

संसदनामा को चलाने का प्रयास आर्थिक कारणों से सुस्त पड़ गया है। अगर आपको इसमें दिलचस्पी है और आपको लगता है कि ऐसे मंच हमारे बीच होने चाहिए तो हमारी मदद के लिए आगे आएं। हम इस दौर में आपको यही भरोसा दिला सकते हैं कि यहां खबरें होंगी और तथ्य/तर्क उनका आधार होगा, इसमें किसी तरह की मिलावट नहीं होगी. सादर

Write a comment ...

Sansadnama | संसदनामा | Rishi Kumar Singh

संसदीय समाचारों का मंच, www.sansadnama.com/